रांची नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्डी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL), रांची और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU), दिल्ली के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) साइन हुआ। यह साझेदारी दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ कानूनी शिक्षा को तकनीक और विज्ञान से जोड़ने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
MoU के मुख्य बिंदु
- इस समझौते के तहत दोनों विश्वविद्यालय मिलकर कई महत्वपूर्ण गतिविधियों पर काम करेंगे –
- संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रम।
- संयुक्त शोध परियोजनाएं, खासकर फोरेंसिक साइंस, साइबर कानून और डिजिटल अपराध नियंत्रण पर।
- संयुक्त सम्मेलन, कार्यशालाएं और सेमिनार का आयोजन।
- शैक्षणिक संसाधनों और विशेषज्ञता का साझा उपयोग।
गौरतलब है कि NFSU भारत सरकार द्वारा स्थापित पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है जो फोरेंसिक और संबद्ध विज्ञान, साइबर सुरक्षा, कानून, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन शिक्षा पर केंद्रित है।
कुलपति का बयान
NUSRL रांची के कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक आर. पाटिल ने कहा –
“डिजिटल युग में कानूनी शिक्षा को तकनीक और विज्ञान के साथ एकीकृत करना अत्यंत आवश्यक है। NFSU के साथ यह समझौता छात्रों को फोरेंसिक साइंस की व्यावहारिक जानकारी प्रदान करेगा, जो भविष्य के कानूनी पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है।”
साझेदारी का महत्व
इस MoU के बाद NUSRL रांची के छात्रों को फोरेंसिक साइंस और साइबर कानून जैसे विशेष क्षेत्रों में गहन शोध और प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा। यह सहयोग न केवल छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य और देश के लिए कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगा।