
टीम के सदस्य
- 35 हजार से 40 हजार रुपए के खर्च में पेट्राेल-डिजल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो में बदल सकेंगे
- ऑटो चालकों को 65 प्रतिशत से ज्यादा का होगा फायदा, जिससे भाड़ा में भी हो सकेगा गिरावट
- प्रोटोटाइप की टेस्टिंग हो चुकी है, प्रोडक्ट के टेस्टिंग की होगी शुरूआत
- दो से तीन महीने में इलेक्ट्रिक रेट्रोफिट ऑटो का होगा सॉफ्ट लांचिंग
- रांची में चलते हैं 25 हजार ऑटो, जिसमें ढ़ाई हजार सीएनजी बाकि पेट्रोल व डीजल ऑटो
बहुत जल्द डीजल व पेट्रोल ऑटो को एक इलेक्ट्रिक ओटो में बदला जा सकेगा। जो एक बार चार्ज करने पर 100 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। जितनी लोडिंग कैपेसिटी एक आम ऑटो में होती है, उतनी ही लोडिंग कैपेसिटी होगी। इससे यातायात व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है। साथ ही ऑटो चालकों के साथ-साथ आम लोगों को भी फायदा पहुंचेगा। इस इनोवेशन को धरातल पर उतारने का काम झारखंड के चार युवा पुलकित जैन (रांची), सूर्य प्रताप सिंह (जमशेदपुर), गौरव कुमार सिंह (जमशेदपुर), विश्वजीत कुमार (कोडरमा) 2018 से कर रहे हैं। आखिरकार उनका मेहनत रंग लाता नजर आ रहा है। जिनके इलेक्ट्रिक रेट्रोफिट ऑटो के स्टार्टअप को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया, एसटीपीआई से इंवेस्टमेंट मिल गया है। इसके बाद इनकी टीम प्रोडक्ट की टेस्टिंग पर काम शुरू कर दिए हैं। इस स्टार्टअप का नाम इलेक्ट्रोमोशन ई-विद्युत व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड रखा गया है। जिसके तहत पुराने डीजल व पेट्रोल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो में कन्वर्ट किया जाएगा। इस स्टार्टअप को कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रांची के इनक्यूबेशन सेंटर में इनक्यूबेट किया गया है। इसके साथ ही एमएसएमई, एआईसीटीई, एसटीपीआई पुणे के मोशन इनक्यूबेटर, 36इंक इनक्यूबेटर से सहयोग मिल रहा है। इस स्टार्टअप में प्रो. केपी दत्ता व अनिल आर भोगेसरा मेंटोर की भूमिका निभा रहे हैं।
रांची में होगी सॉफ्ट लांचिंग
टीम के सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रिक रेट्रोफिट ऑटो के प्रोटोटाइप की सफलता पूर्वक टेस्टिंग हो चुकी है। इंवेस्टमेंट मिलने के बाद पुणे स्थित ऑटोमोटिव रिसर्च ऑथोरिटी ऑफ इंडिया में हमारे प्रोडक्ट की टेस्टिंग होगी। यह लगभग दो से तीन महीने चलेगा। इसके बाद रांची में इस प्रोडक्ट का सॉफ्ट लांचिंग किया जाएगा। हमारा प्रोडक्ट मार्केट में आने के बाद ऑटो चालकों, आम लोगों को भी फायदा मिलेगा। इससे ऑटो चालकों को 65 प्रतिशत तक फायदा होगा।
एक ऑटो को बदलने में 35-40 हजार रु. का खर्च आएगा
इस टीम के पुलकित ने बताया कि हम कोई नया व्हीकल नहीं बनाएंगे, बल्कि पुराने पेट्रोल व डीजल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो में बदलेंगे। जिसमें अनुमानित 35 हजार से 40 हजार रुपए का खर्च आएगा। इसके साथ ही फाइनांस की भी सुविधा दी जाएगी। पुराने ऑटो में इंधन व मेंटेनेंस का खर्च ज्यादा होता है, इससे बचत होगी। एक बार चार्ज करने पर 100 किलोमीटर से ज्यादा चलेगा। जितनी लोडिंग कैपेसिटी एक आम ऑटो में होती है, उतनी ही लोडिंग कैपेसिटी होगी।
कहां से आया आईडिया
टीम के सदस्यों ने बताया कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अक्सर ऑटोरिक्शा से सफर करना होता था। कई बार ऑटोरिक्शा में ओवरलोडिंग देखा करते थे। ऑटो वालों से बात करने पर पता चला जिनता खर्च इंधन व मेंटेनेंस में होता है, उस हिसाब से मुनाफा नहीं होता। जिसके कारण ओवरलोडिंग करना पड़ता है। इसके बाद इन चारों दोस्तों ने ऑटोरिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटो में बदलने का सोचा। इस आइडिया के साथ टीम ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन-2018 में भाग लिया। जिसमें टीम रनरअप रही। इसके बाद इन्होंने स्टार्टअप की शुरुआत की। ग्रेजुएशन खत्म करने के बाद कंपनी को रजिस्टर किया गया। फिर इस पर काम शुरू कर दिया।