केसर का स्वाद अब सिक्किम में भी

संजय भारती. नई दिल्ली.
देश का जम्मू-कश्मीर इकलौता राज्य है जहां केसर का उत्पादन होता है। यहां का पंपोर क्षेत्र केसर के कटोरे के नाम से जाना जाता है। अब केसर का विस्तार जल्द ही सिक्किम के साथ-साथ अन्य उत्तर-पूर्वी पर्वतीय राज्यों तक किया जाएगा। केसर के बीज से निकले पौधों को सिक्किम ले जाकर लगाया गया है। सिक्किम के यांगयांग क्षेत्र में ये पौधे अच्छी तरह फल फूल रहे हैं। सिक्किम में केसर उत्पादन की शुरुआत सिक्किम सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बॉटनी एंड हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने की है। एक शोध के बाद यह पाया गया कि सिक्किम के यांगयांग क्षेत्र की मिट्टी जम्मू कश्मीर के केसर उत्पादन वाले क्षेत्रों की मिट्टी से मिलती जुलती है साथ ही कश्मीर के पंपोर और सिक्किम के यांगयांग की जलवायु और भौगोलिक दशाएं लगभग एक सी हैं।
केसर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है। केसर का भाव 1 लाख 60 हजार रुपए से लेकर 3 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक है।भारत में केसर का उत्पादन सिर्फ और सिर्फ जम्मू कश्मीर में होता है जो सालाना लगभग 20 टन है पूरी दुनिया में केसर का लगभग 300 टन उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। केसर मूल रूप से भूमध्यसागरीय पौधा है, केसर के फूल से ही केसर का मसाला प्राप्त किया जाता है। केसर का इस्तेमाल मसाले के साथ साथ रंग एजेंट के रूप में भी किया जाता है।
ईरान केसर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। अकेला ईरान पूरी दुनिया का 90 प्रतिशत केसर उगाता है। ईरान के बाद भारत केसर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। केसर का उत्पादन ग्रीस, अफगानिस्तान, मोरोक्को, स्पेन, इटली आदि देशों में भी किया जाता है।