भारत में पहली बार विलो वार्बलर

संजय भारती.
सबसे लंबी दूरी तय करने वाली छोटी प्रवासी पक्षियों में से एक विलो वार्बलर को भारत में पहली बार केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में देखा गया। इसका आकार बहुत छोटा होने के कारण इसे पहचान पाना मुश्किल है।केरल कई प्रवासी पक्षियों का घर है यहां प्रत्येक वर्ष 200 से अधिक प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। केरल में धान के खेत इन प्रवासी पक्षियों को मुख्य रूप से आकर्षित करते हैं।
क्या है विलो वार्बलर?
यह सर्वाधिक दूरी तय करने वाली सबसे छोटी पक्षियों में से एक है जो यूरोप के पूर्वी एवं शीतोष्ण क्षेत्रों के साथ-साथ स्वीडेन, फ़िनलैंड और साइबेरिया के आस पास के क्षेत्रों में प्रजनन करती है। इस पक्षी की पूरी जनसंख्या प्रवासी प्रवृत्ति की है। विलो वार्बलर की सर्वाधिक जनसंख्या स्कैंडेनेविया( स्वीडन, फ़िनलैंड, नॉर्वे) में पाई जाती है। पर्यावरण में नकारात्मक परिवर्तन के कारण इन पक्षियों की जनसंख्या में काफी गिरावट देखी गयी है।भारत में पहली बार इसे 14 नवंबर, 2020 को देखा गया।